News Date 22.11.18
फरियादी के मोबाइल एवं क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर 32380/- रूपये का पेटीएम में आॅनलाइन ट्रांसफर करने वाला आरोपी राज्य सायबर सेल, इन्दौर की गिरफ्त में।
1. आरोपी फरियादी का विश्वसनीय दोस्त था।
2. आरोपी को शिकायतकर्ता का के्रडिट कार्ड नम्बर भी याद था।
3. शिकायतकर्ता का मोबाइल खराब होने से लगा दी थी सिम आरोपी के मोबाइल में।
4. आरोपी ने अपने ही पेटीएम वाॅलेट में शिकायतकर्ता के के्रडिट कार्ड से किया था आॅनलाइन ट्रांसफर।
विशेष पुलिस महानिदेशक सायबर श्रीमति अरूणा मोहन राव एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री राजेश गुप्ता द्वारा अपराधो के तत्काल निकाल करने के संबंध में हाल ही में दिये गये दिशा निर्देशो के पालन में की गई कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल इन्दौर जितेन्द्र सिंह ने बताया कि दिनांक 26.04.2018 को आवेदक प्रदीप कुमार रघुवंशी पिता श्री रविशंकर रघुवंशी उम्र 33 साल निवासी कृष्णवाग कालोनी मं0नं0 108 वर्फानी धाम के पीछे इन्दौर को एक लिखित शिकायत प्रस्तुत किया। जिसमंे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा क्रेडिट कार्ड से 32380 रूपये आॅनलाईन पेटीएम के माध्यम से ट्रांजेक्शन कर फ्राॅड किया गया है, जिसकी जाॅच प्र0आर0 रामपाल को दी गई। शिकायत जाॅच पर से राज्य सायबर सेल इन्दौर द्वारा अपराध क्रमांक 94/18 धारा 420 भादवि एवं 66डी आई टी एक्ट का पंजीबध्द कर जिसकी विवेचना निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा को दी गई। तकनीकी जाॅच में फरियादी के बैंक खाते की डिटेल लेते पाया गया कि फरियादी के बैंक खाते से आॅनलाइन पेटीएम में ट्रांसफर होना पाया गया जिसकी जानकारी पेटीएम से लेने पर आरोपी से संबंधित जानकारी प्राप्त हुई। दौराने जाॅच में पाया गया, कि आरोपी फरियादी का दोस्त था। पुछताछ में आरोपी द्वारा बताया गया कि वह और शिकायतकर्ता एक ही कम्पनी में कार्य करते थे, और एक साथ ही रहते थे, इस कारण से आरोपी को शिकायतकर्ता के के्रडिट कार्ड नम्बर याद था।
एक बार शिकायतकर्ता का मोबाइल खराब होने से शिकायतकर्ता द्वारा अपनी सिम आरोपी के मोबाइल में लगा दी थी, उसी समय आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता के के्रडिट कार्ड नम्बर का उपयोग कर शिकायतकर्ता के बैंक खाते से अपने पेटीएम वाॅलेट पर आॅनलाइन ट्रांसफर किया था, जिसका ओटीपी शिकायतकर्ता के मोबाइल नम्बर (सिम) पर आया जो कि आरोपी के मोबाइल मेें ही लगी थी।
नोटः- आरोपी के मोबाइल में लगी फरियादी की सिम का आरोपी द्वारा अपने पेटीएम खाते में आॅनलाइन ट्रांसफर करते समय आये हुए ओटीपी ( वन टाइम पासवर्ड) का उपयोग कर बडी आसानी से आॅनलाइन फ्राॅड को अंजाम दिया गया।
इस आरोपी को गिरफ्तार करने में निम्न अधिकारियों/कर्मचारियों उप निरी0 अम्बाराम बारूड, प्र0आर0 रामप्रकाश बाजपेइर्, आर0 विक्रान्त तिवारी, रमेश भिडे, गजेन्द्रसिंह राठौर, राकेश बामनिया, म0आर0 अनुपमा डेहरिया एवं दिनेश सौराष्ठ की सराहनीय भूमिका रही।
उद्देश्य समाज को साइबर क्राइम के प्रति अवेयर करना है, इसके लिए संस्था समय समय पर काॅलेज, स्कूल, आैर व्यापारिक वर्ग में साइबर अवेयरनेस कार्यशालाआे का आयोजन करती रहेगी।फेसबुक के माध्यम से भी लोगो साइबर क्राइम और साइबर लॉ के प्रति अवेयर करते रहेंगे
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https://cyberwelfares.blogspot.com
Regards
Shakeel Anjum
Cyber Crime law consultant & Techies journalist
फरियादी के मोबाइल एवं क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर 32380/- रूपये का पेटीएम में आॅनलाइन ट्रांसफर करने वाला आरोपी राज्य सायबर सेल, इन्दौर की गिरफ्त में।
1. आरोपी फरियादी का विश्वसनीय दोस्त था।
2. आरोपी को शिकायतकर्ता का के्रडिट कार्ड नम्बर भी याद था।
3. शिकायतकर्ता का मोबाइल खराब होने से लगा दी थी सिम आरोपी के मोबाइल में।
4. आरोपी ने अपने ही पेटीएम वाॅलेट में शिकायतकर्ता के के्रडिट कार्ड से किया था आॅनलाइन ट्रांसफर।
विशेष पुलिस महानिदेशक सायबर श्रीमति अरूणा मोहन राव एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री राजेश गुप्ता द्वारा अपराधो के तत्काल निकाल करने के संबंध में हाल ही में दिये गये दिशा निर्देशो के पालन में की गई कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल इन्दौर जितेन्द्र सिंह ने बताया कि दिनांक 26.04.2018 को आवेदक प्रदीप कुमार रघुवंशी पिता श्री रविशंकर रघुवंशी उम्र 33 साल निवासी कृष्णवाग कालोनी मं0नं0 108 वर्फानी धाम के पीछे इन्दौर को एक लिखित शिकायत प्रस्तुत किया। जिसमंे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा क्रेडिट कार्ड से 32380 रूपये आॅनलाईन पेटीएम के माध्यम से ट्रांजेक्शन कर फ्राॅड किया गया है, जिसकी जाॅच प्र0आर0 रामपाल को दी गई। शिकायत जाॅच पर से राज्य सायबर सेल इन्दौर द्वारा अपराध क्रमांक 94/18 धारा 420 भादवि एवं 66डी आई टी एक्ट का पंजीबध्द कर जिसकी विवेचना निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा को दी गई। तकनीकी जाॅच में फरियादी के बैंक खाते की डिटेल लेते पाया गया कि फरियादी के बैंक खाते से आॅनलाइन पेटीएम में ट्रांसफर होना पाया गया जिसकी जानकारी पेटीएम से लेने पर आरोपी से संबंधित जानकारी प्राप्त हुई। दौराने जाॅच में पाया गया, कि आरोपी फरियादी का दोस्त था। पुछताछ में आरोपी द्वारा बताया गया कि वह और शिकायतकर्ता एक ही कम्पनी में कार्य करते थे, और एक साथ ही रहते थे, इस कारण से आरोपी को शिकायतकर्ता के के्रडिट कार्ड नम्बर याद था।
एक बार शिकायतकर्ता का मोबाइल खराब होने से शिकायतकर्ता द्वारा अपनी सिम आरोपी के मोबाइल में लगा दी थी, उसी समय आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता के के्रडिट कार्ड नम्बर का उपयोग कर शिकायतकर्ता के बैंक खाते से अपने पेटीएम वाॅलेट पर आॅनलाइन ट्रांसफर किया था, जिसका ओटीपी शिकायतकर्ता के मोबाइल नम्बर (सिम) पर आया जो कि आरोपी के मोबाइल मेें ही लगी थी।
नोटः- आरोपी के मोबाइल में लगी फरियादी की सिम का आरोपी द्वारा अपने पेटीएम खाते में आॅनलाइन ट्रांसफर करते समय आये हुए ओटीपी ( वन टाइम पासवर्ड) का उपयोग कर बडी आसानी से आॅनलाइन फ्राॅड को अंजाम दिया गया।
इस आरोपी को गिरफ्तार करने में निम्न अधिकारियों/कर्मचारियों उप निरी0 अम्बाराम बारूड, प्र0आर0 रामप्रकाश बाजपेइर्, आर0 विक्रान्त तिवारी, रमेश भिडे, गजेन्द्रसिंह राठौर, राकेश बामनिया, म0आर0 अनुपमा डेहरिया एवं दिनेश सौराष्ठ की सराहनीय भूमिका रही।
उद्देश्य समाज को साइबर क्राइम के प्रति अवेयर करना है, इसके लिए संस्था समय समय पर काॅलेज, स्कूल, आैर व्यापारिक वर्ग में साइबर अवेयरनेस कार्यशालाआे का आयोजन करती रहेगी।फेसबुक के माध्यम से भी लोगो साइबर क्राइम और साइबर लॉ के प्रति अवेयर करते रहेंगे
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Regards
Shakeel Anjum
Cyber Crime law consultant & Techies journalist
बहुत शानदार लेख।
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